इंस्पेक्शन हर इक चीज मे है जो हमें मोटीवेट करते रहता है जैसे वृछ अपना पता बदलते रहता है उसी तरह ये जीवन है हमें हर समय कुछ न कुछ सिख मिलना और जीवन मे क्या हमने खोय्या यही जीवन जीने का बहोत बड़ा योगदान देता है
आंसू का एक कतरा वो काच पर क्या जा गिरा काच जैसा दिखने लगा उम्मीद उसे किसी पत्थर से था इक कतरे से टुटा दिखाई देने लगा

दर्द का आलम कुछ ऐसा था उसके सीने मे खुद के हाथो से वो मारा जाता बहोत अरसे के बाद ख्याल आया उसे ऐ आमानत है जिसका उस तक पोहचा दी जाए

जो गुजरी थी उस पर किस्से किसे सुननाता उसे जो लगी थी आग दिल मे फिर कौन बुझाता उसे दिल मे लगी थी दिल मे दफ़न करना था उसे

वो आख़री बार भी अपनी सफाई नहीं दे पाया जो लोगो ने देखा था उसे व वो नहीं था जो लोगो को दिखाई देता था

अब उसे तेरे सामने आने का कोई सवाले नहीं उठता तूने सायेद जख्म बेमिसाल दिया होगा

इस जहा मे तुम थे वो बेखबर था सुना है जब मौत आती है तो इतला कर के नहीं आती

न जाने कैसे इतनी भयानक ख़्वाब से उसे उम्मीद हो गई वो हर पल मौत के करीब से गुज़रा होगा

उसे मोहब्बत के नाम से नफरत था फिर भी मैंने उसे उदाश होते हुए देखा है

उसकी यादो की ऐसी कैफियत उस पर ज़ाहिर हुई फिर खुशी उसके ज़िन्दगी से ऐसे रुक्सत हुई वो आख़री वक्त कब ख़ुश था आज तक उसे याद नहीं

उसे तुझसे रूबरू होना था इतना दर्द का कहा ओकात था की उसे दे जाए
उसके दिल मे मोहब्बत खुदा ने जब