इसलिए जब भी मै हरा हुआ मेहसूस करता हूँ मै त्यार करता हूँ खुद को बदलाव के लिए

जीवन वैसा नहीं है कुछ तो फर्क होनी चाहिए सोचता रहूँ मै तो हरा हुआ हूँ जो हमें दिखना चाहिए सायेद हमें वो ना दिख रहा हो जिसे निकल कर कुछ खास कर सके


गुजरे हुए वक्त वो आईना कैसे दिखता पत्थर ने अपना काम कर दिया था

कमिया रही होंगी खुद मे जनाब लोग यहाँ सलाम भी करेंगे और अकेले मे बदनाम भी करेंगे

सुना है एक अधूरी मोहब्बत बहोत रुलाती है दुआ है शादी उसी से हो जिसे प्यार हो
